तुमने कहा रात ,
मैंने सुरज को फुंकसे बुझा दिया
तुमने कहा दिन तो,
चांद पे घासलेट छिडककर दिन भी उगा दिया
तुमने बारिश कहा तो
अासमां निचोडा
अौर धुप कहा जब
बादल खदेडा
तुने अासमां कहा तो
जमीं के अारपार सुराख खोंदा ,
कि परला अासमां दिखा दिया
अौ' जमीं कही तो
अासमां के मत्थेपे मिट्टीका तिलक जमा दिया
तु मौत कह दे ,
मै नब्जोंको अकड लुं
यारा , तु बस जिंदगी कह दे
मै मौत का गिरेबां पकड लुं
- प्राजक्त १९ जुलै १३
मैंने सुरज को फुंकसे बुझा दिया
तुमने कहा दिन तो,
चांद पे घासलेट छिडककर दिन भी उगा दिया
तुमने बारिश कहा तो
अासमां निचोडा
अौर धुप कहा जब
बादल खदेडा
तुने अासमां कहा तो
जमीं के अारपार सुराख खोंदा ,
कि परला अासमां दिखा दिया
अौ' जमीं कही तो
अासमां के मत्थेपे मिट्टीका तिलक जमा दिया
तु मौत कह दे ,
मै नब्जोंको अकड लुं
यारा , तु बस जिंदगी कह दे
मै मौत का गिरेबां पकड लुं
- प्राजक्त १९ जुलै १३
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