पहले चल जी लेंगे हम
नइ की क्या है जल्दी
हां 'वही' उधेड देंगे हम
चल गिन लेते है सदमें
चोटें तय कर लेंगे हम
रुखसार पे चलते चलते
लब पे थोडे 'हो' लेंगे हम
हल तो पहोंच चुका ,अब
सवाल पहोचाएंगे हम
अांगन से कैसा शिकवा
घोसलेसे रुठेंगे हम
दिवारें भाव करे तो
दरवज्जोंसे तोलेंगे हम
गूडीगुडी कैसे है बजती
खाली पेटसे पुछेंगे हम
गुलजारजी निंद में है क्या
'इरशाद' ही हो लेंगे हम
अासमां की शमा बुझी है?
चल अपनीही दे देंगे हम
इसबार जो लैा बुझी,तो
तुफान उठा देंगे हम
बस 'वो' तिली हो जो,तो
हसहसके अैार घिसेंगे हम
- Prajakt
.
नंतर बघून घेऊ
ये आधी जगुन घेऊ..!!
नकोच नवे बहाणे
जुने उसवुन घेऊ..!!
मोजुन ठेव जखमा
घाव ठरवुन घेऊ..!!
गाली ओघळलो तर
ओठी सरकुन घेऊ..!!
उत्तर पाठ आहे
प्रश्न समजुन घेऊ..!!
अंगण तेच असुदे
घरटे तरुण घेऊ..!!
उठतील मग भिंती
दार बसवुन घेऊ...!!
लागते झोप उपाशी
भूक बदलुन घेऊ..!!
या फ़ुलांना जाग नाही
चल उमलुन घेऊ..!!
आभाळाचे दोन दिवे
एक उचलुन घेऊ..!!
दिव्यास तेल नाही
नसु देत, ऊन घेऊ..!!
हरएक आपलाही
क्षण उजळुन घेऊ..!!
-Sachin Kakde
घाव ठरवुन घेऊ..!!
गाली ओघळलो तर
ओठी सरकुन घेऊ..!!
उत्तर पाठ आहे
प्रश्न समजुन घेऊ..!!
अंगण तेच असुदे
घरटे तरुण घेऊ..!!
उठतील मग भिंती
दार बसवुन घेऊ...!!
लागते झोप उपाशी
भूक बदलुन घेऊ..!!
या फ़ुलांना जाग नाही
चल उमलुन घेऊ..!!
आभाळाचे दोन दिवे
एक उचलुन घेऊ..!!
दिव्यास तेल नाही
नसु देत, ऊन घेऊ..!!
हरएक आपलाही
क्षण उजळुन घेऊ..!!
-Sachin Kakde